सम्पादकीय

दिल तो है दिल, दिल का ऐतवार क्या कीजे! “कम उम्र में हार्ट अटैक से होती मौतें. . . . . .”

डॉ. इन्द्रेश मिश्रा का सम्पादकीय विश्लेषण और डॉ. सुरेन्द्र अग्रवाल की चिकित्सीय सलाह

चौकानें बाली खबर थी, गुजरात के जामनगर शहर में 1982 में जन्मे 16000 से अधिक मरीजों के दिल का इलाज कर जीवन बचाने वाले 41 वर्षीय प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ गौरव गांधी का 6 जून 23 की सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 1982 में जन्मे, डॉ गांधी एक प्रसिद्ध हार्ट सर्जन थे और सैकड़ों एंजियोग्राफी प्रक्रिया और सर्जरी करने के लिए जाने जाते थे।
बाली उमर हो या हों उम्रदराज, इस कमबख्त दिल को इससे कोई मतलब नही। धोखा देना है, तो ये दे ही देगा। काले है या गोरे, लम्बे हो या छोटे, बैठे हो या खड़े, बतिया रहे हो या चुप्पी साधे हों, किसी को भी! हार्ट अटैक आ रहा है, और अच्छे खासे लोग मर रहे है। ड्यूटी कर रहें हों, मंदिर में पूजा या कर रहे हो मौज, हार्ट अटैक आ गया और हो गई मौत। कोई बारात, सालगिरह के अवसर पर नाचते हुए गिरा तो फिर न उठ सका। जिम में पसीना निकाल रहे, योगा या सुबह टहलते हुए भी लोगों को हार्ट अटैक आ रहे हैं। इन सबमें उम्र कोई मायने नही रख रही है। उम्र 20 साल हो या 75 साल। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। दिल हर उम्र के लोगों को धोखा दे रहा है।

गत वर्ष मार्च में थाईलैंड के एक द्वीप को-समुई में छुट्टियां मना रहे दुनिया के दिग्गज क्रिकेटर लेग स्पिनर शेन वार्न (52 वर्ष) की हार्ट अटैक से मौत की ख़बर सकते में पहुंचाने वाली थी। पिछले दिनों कई प्रसिद्ध लोगों की मृत्यु हार्ट अटैक से हुई है। बॉलीवुड और टीवी वर्ल्ड के नामचीन अभिनेता सिद्धार्थ (40) शुक्ला से लेकर दक्षिण भारत के प्रसिद्ध अभिनेता पुनीत राजकुमार (46), मंदिरा बेदी के पति राज कौशल (50) तक शामिल हैं। जरा ध्यान दीजियेगा इन सबकी उम्र पर!
लखनऊ कपूरथला, बड़ा चांदगंज निवासी अनिल कुमार दुबे, अपने बेटे की शादी के द्वारचार में बरातियों समेत डांस कर खुशी मना रहे थे। द्वारचार कार्यक्रम खत्म होने पर लड़की पक्ष वाले स्वागत हेतु माला पहनाने हेतु गेस्ट हाउस के द्वार पर खड़े थे। सामने खड़े लड़के के पिता अनिल दुबे अचानक सड़क पर ही गिर पड़े! अस्पताल ले जाया गया, डॉक्टरों ने बताया साइलेंट हार्ट अटैक होने से मौत हो गई है। परिजनों ने बताया कि अनिल स्वस्थ थे और हार्ट सम्बन्धी कोई समस्या नही थी।
कनाड़िया थाना में पदस्थ एएसआइ नितिन भालेराव की शनिवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। 42 वर्षीय नितिन कैलिफोर्निया सिटी (बायपास) से ड्यूटी पर रहे थे। अचानक सीने में दर्द उठा और वे गिर गए। स्वजन और पड़ोसी उन्हें निजी अस्पताल ले गए, लेकिन थोड़ी देर बाद उनकी भी मौत हो गई। इंदौर में तीन दिन में हार्ट अटैक से यह चौथी मौत हुई है। जिन लोगों ने हार्ट अटैक के कारण जान गंवाई वे शारीरिक रूप से स्वस्थ थे। (नई दुनिया , 8 जन्मदिन 2023) यह एक बानगी भर है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिछले पांच दिनों के दौरान हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक से 98 लोगों की मौत हुई है।एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 98 में से 44 मौतें अस्पतालों में हुईं, जबकि 54 लोगों की इलाज से पहले ही मौत हो गई।

डेक्कन हेराल्ड के अनुसार, कानपुर के लक्ष्मीपत सिंघानिया इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड कार्डियक सर्जरी के आंकड़ों से पता चलता है कि हफ्ते 723 हृदय रोगियों ने अस्पताल के आपातकालीन और आउट पेशेंट विभागों में भर्ती किये गये थे। (wion, 9 जन.23- कानपुर में 7 दिन के भीतर हार्ट अटैक से करीब 100 लोगों की मौत : रिपोर्ट)
शोध में सामने आया है कि भारत में अब हर 04 बीमारी से मरने वाली मौतों में एक मौत हार्ट अटैक से होती है
– लेंसेट की रिपोर्ट कहती है कि अब शहरी लोगों से ज्यादा गांवों के लोगों को ये बीमारी ज्यादा शिकार बनाने लगी है।
– एक रिपोर्ट कहती है कि ये बीमारी अब हर 14-18, 18-30, 30-34 आयु वर्ग में भी खूब हो रही है। हालांकि अब भी ये 45-60 उम्र के लोगों में ज्यादा है।
दोगुनी हुई हार्ट अटैक से मरने वाले रोगियों की संख्या

1990 से 2020 के तीस सालों में भारत में हृदय रोगियों की संख्या 2. 26 मिलियन से बढ़कर 4.77 मिलियन हो गई है। इस दरमियान गांवों में हार्ट अटैक की वजह से होने  वाली मौतों की संख्या 1.6% से बढ़कर 7.4% हो गई जबकि शहरों में लगभग हर सातवीं या आठवीं मौत की वजह हृदयाघात (हार्ट अटैक) दर्ज की गई है। तीस सालों में यह 1% से बढ़कर 13.2 % पर पहुंच गया है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत में 2016 में हृदय से जुड़ी हुई बीमारियों की वजह से 17.9 मिलियन लोगों की मौत हुई थी। यह दुनिया भर में होने वाली हृदय रोग से हुई मृत्यु का एक तिहाई था। रिपोर्ट के अनुसार इन मौतों में 85% मामलों में हार्ट अटैक या स्ट्रोक प्रमुख वजह थे. WHO की यह रपट कहती है कि बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर, ग्लूकोज़, अधिक वजन और मोटापा होना हृदय रोग के ख़तरे को बढ़ाता है।

दुनिया में 32 फीसदी मौत हार्ट डिसीज से वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया में बीमारियों की वजह से होने वाली मौतों में सबसे बड़ा हिस्सा कार्डियोवास्कुलर डिसीजेज (CVDs) (सीवीडीज) का होता है. इससे हर साल 17.9 मिलियन यानि करीब 02 करोड़ लोग मरते हैं। दरअसल कार्डियोवास्कुलर डिसीजेज हृदय और रक्त धमनियों के डिसआर्डर के साथ हृदय धमनियों के साथ कारण होती हैं। सीवीडी की हर 05 में 04 मौत हार्ट अटैक या स्ट्रोक के कारण होती है। हालांकि एक तिहाई लोगों की मौत इसकी वजह से 70 साल की उम्र से पहले ही हो जाती है।
वहीं जब क्या कोविड और हार्ट अटैक का कोई कनेक्शन है? का प्रश्न नागरिकों के बीच उठा तो इस सवाल का भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एनडीटीवी से बातचीत के दौरान जवाब दिया उन्होंने कहा कि सरकार रिसर्च कर रही है। मंडाविया ने कहा कि CoWIN प्लेटफॉर्म ने सभी टीकाकरण डेटा प्रदान किए हैं, जिससे बहुत मदद मिली है और खुलासा किया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) पिछले तीन-चार महीनों से हार्ट स्ट्रोक और कोविड के बीच संबंध का अध्ययन कर रहा है, और यह अध्ययन अगले दो महीने में पूरा कर लिया जाएगा। 2-3 महीने में रिपोर्ट आ जाएगी। (ndtv.in/india/exclusive-is-there-a-connection-between-covid-and-heart-attack-health-minister-replied-3918473)
“ऐ काश कहीं ऐसा होता के दो दिल होते सीने में” (फिल्म-मोहरा, सिंगर-कुमार शानू)
‘इक खराब भी हो जाता हार्ट अटैक में तो……’ लेकिन ऐसा नही है। तो जनाब लब्बोलुआब ये कि दिल एक ही है और इसे हमें ही सम्भालना है। हार्ट अटैक के कारक, निवारण और वचाव के उपाय क्या है। समझते है चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सुरेन्द्र अग्रवाल से उनका क्या कहना है-

बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों पर चिकित्सा विशेषज्ञ की राय-

डॉ. सुरेन्द्र अग्रवाल, आईसीयू-प्रभारी (लोकबंधु चिकित्सालय, लखनऊ-उ.प्र.)

बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों पर लोकबंधु चिकित्सालय, लखनऊ के आईसीयू प्रभारी और सैकड़ों दिल के रोगियों को एनेस्थेसिया देने वाले प्रसिद्ध एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉ. सुरेन्द्र अग्रवाल (एमबीबीएस, एमडी) ने कोरोना काल के बाद बढ़ते हुये हार्ट अटैक, वर्कआउट करने वाले स्वस्थ और कम उम्र के लोगों के भी हार्ट अटैक की चपेट में आने के प्रश्न के प्रतिउत्तर में बताया कि कोरोना वायरस के प्रभाव पर रिसर्च चल रही है। कोरोना वायरस हृदय के ऊतकों और धमनियों को क्षतिग्रस्त करता रहा है , यह आंतरिक सतहों, नसों और धमनियों को प्रभावित करता है जिससे रक्तवाहिका में सूजन हो सकती है और रक्त थक्कों को विकसित करने की वजह से रक्त प्रवाह को रोक या बाधित कर सकता है जिससे हार्ट अटैक आ सकता है।
वहीं दूसरी ओर डा. अग्रवाल ने बताया कि हमारी जीवनशैली में आया बदलाव भी जोखिम लेकर आया है, धूम्रपान, शराब का सेवन, जंक फूड, ओवर टाइम वर्क और तनाव भरा जीवन कम उम्र मे हार्ट अटैक की सम्भावना को बढ़ावा दे रहा है।

लक्षण क्या है हार्ट अटैक केडॉ. सुरेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि ” यदि सीने में दर्द, जबड़े,हाथ,गर्दन,पीठ या कंधे में दर्द या बेचैनी, सांस लेने में कठिनाई,मिचली आना,चक्कर आना या असामान्य रूप से थकान महसूस हो तो सचेत हो जाये।
हार्ट अटैक से बचाव पर डॉ. सुरेन्द्र अग्रवाल का कहना है कि मेरे द्वारा ऊपर बताये गये लक्षणों में यदि जरा भी अहसास हो तो विशेषज्ञ से सलाह लेकर परीक्षण करायें, इन परीक्षणों में ईसीजी, इको और हॉल्टर टेस्ट कराने की जरूरत है। ईसीजी से पता चलता है कि हार्ट में किसी प्रकार की दिक्कत हुई है या नहीं, इको से हार्ट पंपिंग और हॉल्टर से हार्ट रेट का पता चल जाता है। नियमित और सयंमित दिनचर्या का पालन, अत्यधिक वर्क आउट, फास्ट फूट, बसायुक्त-चिकनाईयुक्त भोजन से बचाव भी हार्ट अटैक की सम्भावना को काफी हद तक कम कर सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *