वकील के रूप में आए हमलावर ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर एससीएसटी कोर्ट रूम में ही कुख्यात अपराधी और मुख्तार अंसारी के करीबी गैंगस्टर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा(50) की हत्या कर दी। पता चला है कि इस हमले में दो पुलिसकर्मियों, एक डेढ़ साल की बच्ची व उसकी मां को भी गोली लगी। वकीलों ने दौड़कर हमलावर के भेष मे आये नकली वकील को पकड़ लिया और पिटाई करने के बाद पुलिस को सौंप दिया। हमले में घायलों को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
कोर्ट परिसर में अचानक घटी इस घटना से आक्रोशित वकीलों ने प्रदर्शन कर पथराव कर दिया। जिसमें वहां मौजूद एसीपी (चौक क्षेत्र) का सिर फट गया। कई वाहन भी छतिग्रस्त हो गए। जब आलाधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तब हालात पर काबू पा सके। उधर, मुख्यमंत्री योगी ने घटना की जांच के लिए मोहित अग्रवाल, नीलब्ज़ा चौधरी और प्रवीण कुमार को एस आई टी की जिम्मेदारी दे दी है। जो एक सप्ताह में जांच पूरी कर रिपोर्ट देगी।
संजीव पर विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का भी आरोप था लेकिन बाद में वह कोर्ट से बरी हो गया था। जबकि उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा का नाम आया था। जिसमे उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी। मुजफ्फरनगर के शाहपुर आदमपुर निवासी संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा पिछले बीस साल से जेल में बंद था। उस पर दो दर्जन केस दर्ज हैं। इसी सिलसिले में उसे हत्या व एससीएसटी के एक केस में बुधवार दोपहर पुलिस अभिरक्षा में पेशी पर लाया गया था। बुधवार, दोपहर करीब 3:50 मिनट पर उसके केस की नम्बर आया। जैसे ही वह उठकर चला वैसे ही कोर्ट रूम के भीतर वकील के भेष में बैठा हमलावर उस पर फायर करने लगा। जीवा वही पर घायल होकर पेट के बल गिर गया। हमलावर ने भागने का प्रयास किया लेकिन वहां मौजूद वकीलों ने उसको पकड़ लिया।
कड़ाई से हुई पूछताछ में उसने अपना नाम विजय यादव और जौनपुर के केराकत का रहने वाला बताया है। वहां मौजूद वकीलों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। सूचना पर कार्यवाहक पुलिस कमिश्नर, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर समेत आलाधिकारी, पुलिस बल व पीएसी के जवान पहुंचे। जीवा को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसे बचाया न जा सका। अस्पताल प्रशासन ने उसको मृत घोषित कर दिया।