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केंद्र ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान को लेकर की समीक्षा बैठक; इन राज्यों में अलर्ट, NDRF की टीमें तैयार

Cyclonic Storm over Bay of Bengal: राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने 6 दिसंबर (मंगलवार) को बंगाल की खाड़ी के ऊपर संभावित चक्रवाती तूफान के मद्देनजर एक अहम बैठक की। एनसीएमसी ने केंद्रीय मंत्रालयों, एजेंसियों और राज्य सरकारों की तैयारियों की समीक्षा बैठक की। बैठक की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने की। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक ने बंगाल की खाड़ी में मौसम प्रणाली की वर्तमान स्थिति के बारे में समिति को जानकारी दी।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहा विक्षोभ पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ सकता है। IMD अनुसार 7 दिसंबर यानि आज की शाम के आसपास एक चक्रवाती तूफान और तेज हो जाएगा। तूफान 8 दिसंबर की सुबह तक उत्तरी तमिलनाडु-पुडुचेरी और आसपास के दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों से दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक पहुंच जाएगा। यह बाद के 48 घंटों के दौरान उत्तर तमिलनाडु-पुडुचेरी और इससे सटे दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों की ओर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा। राजीव गौबा ने जोर देकर कहा कि राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित अधिकारियों और संबंधित केंद्रीय एजेंसियों द्वारा निवारक और एहतियाती उपाय किए जाने चाहिए।

आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु सरकार ने सुरक्षा उपायों की जानकारी दी

आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु के मुख्य सचिवों और पुडुचेरी के वरिष्ठ अधिकारियों ने एनसीएमसी को उन तैयारियों की जानकारी दी है, जो संभावित तूफान से निपटने के मद्देनजर उठाने जा रही है। साथ ही मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। समुद्र में जा चुके लोगों को वापस लौटने को कहा गया है। इसके साथ ही इमरजेंसी सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया है।

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने बैठक के दौरान कहा कि आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी के अधिकारियों को निवारक और एहतियाती उपाय करने चाहिए। ऐसे प्रबंध किए जाने चाहिए कि बिजली और दूरसंचार जैसे बुनियादी ढांचे को कम से कम क्षति हो और जानमाल का नुकसान बचाया जा सके।

NDRF की टीमें तैयार

वहीं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने तमिलनाडु के लिए पांच और पुद्दुचेरी के लिए तीन दल तैयार किए हैं। आंध्र प्रदेश के लिए भी दलों को तैयार किया जा रहा है। सेना और नौसेना के बचाव और राहत दल भी आवश्‍यक मदद के लिए तैयार है। साथ ही कोस्ट गार्ड की टीमें भी तैयार हैं।

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