लखनऊ , इंडियन नेशनल लीग के प्रदेश अध्यक्ष हाजी फहीम सिद्दीक़ी के नेतृत्व में कई राजनीतिक व समाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने ज़िला अधिकारी, लखनऊ के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति, भारत सरकार को ज्ञापन भेजा जिसके माध्यम से सभी नेताओं ने मांग करते हुए कहा कि गुजरात सरकार ने मनमाने ढंग से 2002 के मुस्लिम नरसंहार में बिल्क़ीस बानो के साथ ग्यारह लोगों ने सामुहिक ब्लात्कार, बिल्क़ीस की तीन वर्ष की बेटी का सर कुचल कर हत्या, बिल्क़ीस की माँ के साथ ब्लात्कार, परिवार के सात सदस्यों समेत चौदह लोगों की निर्मम हत्या के आरोपियों को बिल्क़ीस बानों के हत्या के प्रयास के बाद 2008 में उम्र क़ैद की सज़ा हुई थी, यह सारे क़ैदी गुजरात में चौदह वर्ष से सजा काट रहे थे जिनको गुजरात सरकार ने मनमाने ढंग से भारत की स्वतंत्रा के 75 वीं सालगिरह पर जबकि पूरे भारत में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा था उन ग्यारह हत्यारों और बलात्कारी दरिन्दों की सज़ा को माफ़ करते हुए रिहा कर दिया ।
मुर्तजा अली ने कहा स्वतंत्रता दिवस पर तो परिन्दों को रिहा होते तो देखा था लेकिन गुजरात सरकार द्वारा अपराधी दरिन्दों को आज़ाद करते पहली बार देखा ।सभी ने मांग की, कि गुजरात सरकार अपने इस फ़ैसले को तुरन्त वापस ले और उन अपराधियों को जेल भेजा जाये । जिसमें मुख्य रूप से प्रसपा के प्रदेश सचिव प्रवक्ता मुर्तजा अली, पीसी कुरील ,पूर्व विधायक रामलाल ,डीके यादव ,मोहम्मद अफाक ,रिजवाना सिद्दीकी, नसरीन जावेद ,शाबीह फातिमा आदि लोग उपस्थित रहे !