खर्च किये गये सरकारी धन की होगी जांच
हरदोई।
यूक्रेन की यूनीवर्सिटी से एमबीबीएस कर रही महिला ग्राम प्रधान की असलियत रूस-यूक्रेन युद्ध ने सामने ला दी है। दोनों हाथों में लड्डू पाने के चक्कर में एमबीबीएस छात्रा और महिला ग्राम प्रधान की जान और प्रधानी दोनों खतरे में है।
ब्लॉक सांडी की तेरा-पुरसेली ग्राम पंचायत की वैशाली यादव ने गत ग्राम-पंचायत के चुनावों में ग्राम प्रधान के पद पर किस्मत अजमायी थी।
वैशाली यादव को गाँव के लोगों का भारी जनसमर्थन मिला, जिससे उन्होंने ग्राम प्रधान का चुनाव भारी वोटों से जीता।
ग्रामवासियों के मुताबिक उनको पता था कि वैशाली यादव विदेश में शिक्षा लेकर आयी है। जिसकी वजह से वह बहुत विकास कार्यक्रम लेकर आयेगी। इसलिये जनसमर्थन उनके साथ हो गया। वहीं ग्राम प्रधान बनने के बाद वह फिर यूक्रेन चली गईं। उनके पिता प्रधानी चला रहे है। अपुष्ट सूत्रों से पता चला है कि सरकारी दस्तावेजों पर वैशाली के पिता द्वारा फर्जी साइन से ग्राम पंचायत में सरकारी पैसे से कार्य कराये गये है।
जहां डीपीआरओ गिरीश कुमार ने बताया कि बिना अनुमति विदेश जाने और ग्राम प्रधान के दायित्वों के निर्वहन नहीं करने को लेकर ग्राम प्रधान को नोटिस जारी की जाएगी। बैठकों में अनुपस्थिति तथा विदेश में रहते हुए उनके द्वारा किए गए भुगतान को लेकर भी जांच की जायेगी। इसकी जांच कराकर पंचायती राज एक्ट के तहत उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी, डीपीआरओ ने बताया कि नोटिस का जवाब मिलने के बाद ही सरकार द्वारा कार्रवाई की जायेगी।
वहीं पंचायती राज विभाग द्वारा बताया गया कि विदेश में रह कर ग्राम प्रधान पद का निर्वहन करने के मामले में ग्राम प्रधान वैशाली यादव को नोटिस जारी कर ग्राम पंचायत में अब तक किए गए भुगतानों की जांच की जाएगी।