उत्तर प्रदेश

उ. प्र. स्वास्थ्य विभाग- जिलों में जमे क्लर्क स्थानांतरण के लिए हो जाएं तैयार, सरकार ने मिशन तबादले की तैयारी शुरू की

राज्य में भाजपा की योगी पार्ट-2 सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य विभाग में कुछ बदलाव के साथ कार्य दुरूस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएंगी। इसी के तहत उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में पिछले कई सालों से जिले में तैनात बाबू एक बार फिर हिट लिस्ट में होने के साथ उनके तबादलों की तैयारी एक बार फिर शुरू हो गई है। विभाग की ओर से इसका आदेश कभी भी जारी किया जा सकता है। इसके लिए सभी का ब्योरा इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

इसी के तहत सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. राजा गणपति आर की ओर से सभी मंडलीय अपर निदेशक, अस्पतालों के निदेशक व मुख्य चिकित्सा अधिक्षकों को निर्देश जारी किया गए हैं। जारी किए गए निर्देश के अनुसार ऐसे लिपिकों को चिन्हित कर उनका ब्यौरा इकट्ठा किया जाने को कहा गया है जो सात वर्षों से अधिक एक ही जिले में तैनात हैं। ब्यौरा तीन दिन में विभाग को भेजे जाने का निर्देश है।

योगी सरकार -पार्ट 2 में स्वास्थ्य विभाग का महकमा राज्य के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को दिया गया है। हाल ही में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से एक परिचयात्मक मुलाकात की है, जिसका ब्योरा शोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी साझा किया।

तबादला नीति में ऐसे क्लर्क जो सात वर्षों से अधिक समय से एक ही जिले में काम कर रहे हैं, उनका तबादला किया जाएगा। राज्य की स्थानांतरण नीति के अनुसार, कार्यालय में एक पटल पर तीन साल, एक कार्यालय में पांच वर्ष और मंडल में 10 साल से अधिक लिपिक तैनात नहीं रह सकता है। वहीं यह भी मानना है कि मान्यता प्राप्त सेवा संघों के प्रदेश के साथ-साथ जिलों के अध्यक्ष व सचिव का स्थानांतरण उनके द्वारा संगठन में पद पर नियुक्त होने के दो वर्ष तक नहीं किया जाएगा। इसके बाद इनका भी तबादला, स्थानांतरण नीति के तहत हो सकेगा।

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