कमलाकांत रावत की रिपोर्ट
माधौगंज (हरदोई): स्वामी विवेकानन्द की जयंती विभिन्न रंगारंग कार्यक्रमों के आयोजनों के साथ बहुत ही धूमधाम से मनायी गई।
इस अवसर पर अवध प्रान्त कार्यकारिणी सदस्य मोहित पाल ने बताया 12 जनवरी को हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रीय युवा दिवस भारत के उन युवाओं व नौजवानों को समर्पित एक खास दिन है, जो देश के भविष्य को बेहतर और स्वस्थ बनाने का क्षमता रखते हैं। भारतीय युवा दिवस को 12 जनवरी को मनाने की एक खास वजह है। इस दिन स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था। स्वामी विवेकानंद की जयंती को देश के युवाओं के नाम पर समर्पित करते हुए हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। सवाल है कि स्वामी विवेकानंद का युवाओं से क्या नाता है, जिसके कारण उनके जन्मदिन को युवा दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। विवेकानंद जयंती को कब से राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाने की शुरुआत की गई? आखिर स्वामी विवेकानंद कौन हैं? और उनका देश की उन्नति में क्या योगदान है।
स्वामी विवेकानंद को ऑलराउंडर कहा जाता है। वह धर्म, दर्शन, इतिहास, कला, सामाजिक विज्ञान, साहित्य के ज्ञाता थे। शिक्षा में अच्छे होने के साथ ही वह भारतीय शास्त्रीय संगीत का भी ज्ञान रखते थे। इसके अलावा विवेकानंद जी एक एक अच्छे खिलाड़ी भी थे। वह युवाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं। उन्होंने कई मौकों पर अपने अनमोल विचारों और प्रेरणादायक वचनों से युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। इसीलिए स्वामी विवेकानंद जी जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को युवाओं के लिए समर्पित करने की शुरुआत 1984 में हो गई थी। उन दिनों भारत सरकार ने कहा था कि स्वामी विवेकानंद का दर्शन, आदर्श और काम करने का तरीका भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत हो सकते हैं। तब से स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर मनाने घोषणा कर दी गई।
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मोहित पाल नगर अध्यक्ष विपिन राठौर पूर्व नगर सह मंत्री हिमांशु राठौर आकाश द्विवेदी प्रधानाचार्य सतीश मिश्रा इमरान सिद्दीकी अशोक कुमार सिंह संदीप प्रजापति चक्रपाणी धर्मेंद्र कुमार नीरज पाल प्रावीन पाल सालनी आदि लोग मौजूद रहे।