आरएनए लाइव डेस्क के लिए डॉ. इन्द्रेश मिश्र
नई दिल्ली, प्रोफेसर बनना चाहते है लेकिन पीएचडी नही है, अब परेशान होने की जरूरत नही। यूजीसी आपके सपने को साकार कर सकती है? भविष्य में अमल में आने वाले प्रस्ताव के तहत देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पढ़ाने के लिए अब पीएचडी, आवश्यक योग्यता नहीं होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पढ़ाने के लिए अब पीएचडी की अनिवार्यता को खत्म करने पर विचार कर रही है।
यूजीसी, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भर्ती हेतु वांछनीय योग्यता में सुधार के उद्देश्य से सरकार प्रोफेशनल्स और इंड्रस्टी एक्सपर्ट की नियुक्ति के लिए ‘प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’ नाम से पद गठित कर, नियुक्ति के लिए एक प्रावधान लाने पर विचार कर रही है।
इस फैसले के बाद, वह लोग मौका पा सकेंगे, जो टीचिंग फील्ड में अच्छा-खासा अनुभव रखते हैं, लेकिन पीएचडी नहीं होने के चलते वे विश्वविद्यालयों में शिक्षण कार्य नही कर सकते।
ज्ञातव्य हो कि अभी तक केंद्रीय विवि में पढ़ाने के लिए पीएचडी अनिवार्य थी। जबकि, राज्य विवि में पढ़ाने के लिए पीएचडी अनिवार्य होगी या नहीं, असमंजस की स्थिति है क्योंकि इसको लेकर यूजीसी की तरफ से अभी जानकारी नहीं शेयर की गई है।