राष्ट्रीय

डिफेंस मॉडर्नाइजेशन फंड से अब होगी डिफेंस एसेट की खरीद, आबंटित बजट नहीं होगा लैप्स

नई दिल्ली, रक्षा मंत्रालय ने एक बार फिर ‘नॉन लैप्सेबल’ डिफेंस मॉडर्नाइजेशन फंड (DMF) बनाने पर गंभीरता से विचार करना शुरू किया है। DMF में केंद्रीय बजट के आवंटित धन को खर्च न होने की स्थिति में रखा जा सकेगा, जिसे वित्तीय वर्ष खत्म होने के बाद भी विभिन्न क्षमता विकास और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में खर्च किया जा सकेगा। रक्षा मंत्रालय के इस प्रस्ताव पर DMF के लिए रक्षा और वित्त मंत्रालय दोनों मंत्रालय एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इस बात की जानकारी रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आज लोकसभा में दी।

आबंटित धन को ‘नॉन लैप्सेबल’ बनाने के लिए पहल
दरअसल, केंद्रीय बजट में आबंटित धन को ‘नॉन लैप्सेबल’ बनाने के लिए डिफेंस मॉडर्नाइजेशन फंड बनाने की घोषणा हुई थी। इसका मुख्य मकसद बचे हुए बजट को लैप्स होने से बचाकर अगले वित्तीय वर्ष में खर्च करना था। केंद्रीय बजट के इस प्रस्ताव पर रक्षा और वित्त मंत्रालय दोनों मंत्रालय एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। वित्त मंत्रालय डीएमएफ के प्रस्ताव पर विचार करते हुए नई प्रणाली विकसित करने पर काम कर रहा है।

रक्षा संबंधी स्थायी समिति को भेजा गया प्रस्ताव
दिसंबर, 2016 में रक्षा मंत्रालय ने संसद की रक्षा संबंधी स्थायी समिति के सामने इस प्रस्ताव को रखा। रक्षा मंत्रालय का कहना था कि खर्च न होने वाले बजट के धन को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता है। इससे विभिन्न रक्षा क्षमता विकास और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए पर्याप्त फंड उपलब्ध कराने में मौजूदा अनिश्चितता को दूर करने में मदद मिलेगी।

वित्त मंत्रालय के परामर्श से बनाया जा रहा उपयुक्त तंत्र
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि मंत्रालय ने अब तक के फंड की समीक्षा करके वित्त मंत्रालय के सामने नए सिरे से डिफेंस मॉडर्नाइजेशन फंड (डीएमएफ) बनाने का प्रस्ताव किया है। इस बार वित्त मंत्रालय के परामर्श से निधि के संचालन के लिए एक उपयुक्त तंत्र बनाने पर काम किया जा रहा है। डीएमएफ बनने के बाद प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में बचने वाला धन लैप्स नहीं होगा और अगले वित्तीय वर्ष में खर्च के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है।

अगले वित्तीय वर्ष में खर्च के लिए उपलब्ध

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आवंटित रक्षा बजट में पूंजीगत व्यय का पूरा हिस्सा खर्च नहीं हो पाया है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में रक्षा मंत्रालय को 5.25 लाख करोड़ रुपये का बजट आबंटित किया गया था। इसमें सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित पूंजी आवंटन 1.52 लाख करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आवंटित कुल 1.52 हजार करोड़ के बजट में से 01 फरवरी तक 80,500 करोड़ खर्च किए गए हैं। डिफेंस मॉडर्नाइजेशन फंड के बन जाने से रक्षा बजट में शेष बचे आबंटित धन को लैप्स होने से बचाकर अगले वित्तीय वर्ष में खर्च किया जा सकेगा।

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