डॉ. इन्द्रेश मिश्रा, आरएनए डेस्क
केंद्र सरकार की ओर से देश में जरूरतमंद नागरिकों को टेली-लॉ (Tele-Law) सेवा नि:शुल्क रूप से दी जा रही है। बीते कुछ साल से इस सेवा के जरिए कानूनी सहायता से वंचित लोगों को उम्मीद से भी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। इस कारण से आम जनमानस में यह सेवा बहुत ही प्रसिद्ध होती जा रही है। विस्तृत रूप से जानते हैं इस सेवा के बारे में सब कुछ …
गौरतलब हो, बीते 9 नवंबर को भारत में लोगों के बीच कानूनी जागरूकता फैलाने के लिए ”राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस” मनाया गया। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘Tele-Law’ सेवा से परिचित होना आवश्यक है+
ज्ञातव्य हो कि, केंद्र सरकार ने सबका साथ, सबको न्याय के नजरिए से इस सेवा की शुरुआत की थी। वहीं जरूरतमंदों की आसान और सीधी पहुंच के लिए टेली-लॉ मोबाइल एप्लिकेशन (एंड्रॉइड और IOS दोनों) का साल 2021 में शुभारंभ किया गया।
टेली-लॉ मोबाइल एप अपनी तरह का पहला ऐसा एप है, जिसमें न्याय के समक्ष, समान अवसर उपलब्ध कराने के हमारे संवैधानिक जनादेश के हिस्से के रूप में, प्रत्येक नागरिक अब महज एक उंगली के टच (One Touch) से वकील तक पहुंचने का हकदार है। इस एप ने जरूरतमंदों को टेली-लॉ सेवा के जरिए बड़ी ही आसानी से कानूनी सहायता उपलब्ध कराई है।
मूलतः नागरिकों के टेली-लॉ मोबाइल एप का उद्देश्य अपनी पहुंच और दायरे को बढ़ाने के माध्यम से संवर्धित कानूनी सूचना तक पहुंच को विस्तारित करना है और यह आम लोगों को उनकी समस्या की पहचान करने में सक्षम बनाता है।
- यह लाभार्थियों को सीधे पैनल वकील या ऐसे लाभार्थियों के मामले में, जो पढ़ने या लिखने में असमर्थ हैं, पैरा लीगल वालंटियर्स, ग्राम स्तर के उद्यमियों की सहायता से अपनी हकदारियों और अधिकारों का दावा करने के लिए उन्हें विवाद निवारण के उचित प्लेटफॉर्म से जोड़ता है।
- यह परामर्श कानूनी सेवा प्राधिकरण की धारा 12 के तहत निशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने के हकदार लोगों के लिए निशुल्क उपलब्ध है,
- जबकि अन्य व्यक्ति 30 रुपए प्रति परामर्श यह लाभ उठा सकते हैं।
वर्तमान में 22 अनुसूचित भाषाओं में उपलब्ध
यह सेवा वर्तमान में 22 अनुसूचीबद्ध भाषाओं में उपलब्ध है। इस डिजिटल क्रांति का लाभ उठाते हुए, टेली-लॉ ने केवल पांच वर्षों में कानूनी सेवाओं की पहुंच के दायरे का 20 लाख से अधिक लाभार्थियों तक विस्तार कर दिया है।
1 लाख ग्राम पंचायतों में सेवाएं कॉमन सर्विस सेंटर्स में उपलब्ध
केंद्र सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए करीब 1 लाख ग्राम पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) में उपलब्ध टेली/वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए इसे पैनल अधिवक्ताओं के साथ जोड़कर जरूरतमंदों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यधारा में लाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।
वकीलों से सीधे परामर्श पाने में सक्षम-
इस सेवा के जरिए जरूरतमंदों को वकीलों के माध्यम से कानूनी परामर्श प्राप्त होने से उनका सशक्तिकरण हो रहा है।
कानूनी मामलों के समय पर निवारण के लिए मुकदमे से पहले सलाह के माध्यम से सशक्त बनाना इस सेवा का उद्देश्य है और सरकार इसी दिशा में कार्य भी कर रही है। इसके लिए ऑडियो/वीडियो परामर्श और चैटबॉट की सुविधा प्रदान की गई है। सभी को यह सेवा ऑनलाइन मुफ्त हो रही है।
Tele-Law सेवा के लाभार्थियों को इस सेवा से एक बड़ी राहत यह मिली है कि उन्हें अब कानूनी मामलों में न तो कोर्ट-कचहरी के अधिक चक्कर लगाने पड़ते हैं और न ही वकीलों की फीस भरनी पड़ती है अर्थात फ्री (Free) में सभी काम हो जाते हैं।
पिछले 5 वर्षों में 20 लाख से अधिक जरूरतमंद हुए लाभान्वित
इस सेवा के माध्यम से बीते 5 वर्षों में 20 लाख से अधिक जरूरतमंद लाभान्वित हुए हैं।
- टेली-लॉ सेवा की यात्रा साल 2017 में ‘टेली-लॉ : रीचिंग द अनरीच्ड ई-इंटरफेस’ प्लेटफॉर्म के नाम से शुरू हुई थी। उस समय न्याय विभाग ने देश में इसे पूर्व-मुकदमा तंत्र को सुदृढ़ करने के लिहाज से लॉन्च किया था।
टेली-लॉ लाभार्थियों को पैनल अधिवक्ता से जोड़ने के लिए प्रौद्योगिकी (अर्थात टेली-वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं) का लाभ उठाता है ताकि उनकी शिकायत के शीघ्र निवारण के लिए कानूनी सलाह और परामर्श प्राप्त किया जा सके।