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फिल्म समीक्षा- द कश्मीर फाइल्स: कश्मीरी पंडितों ने बताया 19 जनवरी 1990 की वो भयानक कहानी

विवेक अग्निहोत्री द्वारा बनाई गई फिल्म दी कश्मीर फाइस में कश्मीरी पंडितों के दर्द को दिखाया गया कि कैसे उन्हें कश्मीर छोड़कर जाना पड़ा। इस फिल्म में अभिनेता अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती और दर्शन कुमार भी है जो एक कश्मीरी पंडित का किरदार निभा रहे है। 

1990 के दशक में कश्मीर में जो हुआ वो किसी बुरे सपने से कम नहीं था क्योंकि वहां पर रह रहे अल्पसंख्यक यानि कश्मीरी पंडितों पर कई तरह के अत्याचार किए गए थे। कश्मीर पर आतंकवादियों का एक तरह से कब्ज़ा हो गया और उन्होंने पंड़ितों को 3 विकल्प दिए।

पहला विकल्प ये कि वे अपना धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल करे, दूसरा विकल्प कि वे कश्मीर को हमेशा के लिए छोड़ दे और अगर वे इन दोनों विकल्पों को नहीं मानते तो तीसरा विकल्प ये कि वे मरने के लिए तैयार हो जाए। दी कश्मीर फाइल्स फिल्म को जब कश्मीरी पंडितों ने देखा तो उनके आँख़ों में आँसू आ गए। 

कई कश्मीरी पंडितों ने जो भी कश्मीर फाइल्स फिल्म में देखा, वे बताते है कि ठीक यही सब उनके साथ भी हुआ था। उन्होंने बताया कि जब घाटी से कश्मीरी पंडित पलायन कर रहे थे तो वहां पर आतंकवादियों ने हमले तेज़ कर दिए। कई मासूम बच्चों को ज़िंदा जला दिया गया तो वही महिलाओं के साथ दुष्कर्म भी हुआ और पंडितों के घर को लूटा गया फिर उन घरों को आग के हवाले कर दिया। आज भी जब कश्मीरी पंडित उस दर्द को याद करते है तो उनकी रूह काँप जाती है।  

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